Communication (संचार)
उद्देश्य:–
संचार किसे कहते हैं
दो या दो से अधिक लोगों के बीच किसी संचार माध्यम से सूचनाओं के आदान-प्रदान को संचार कहते हैं I
* सिक्योरिटी में उपयोग होने वाले संचार उपकरणों के प्रकार लिखो:–
ट्रांसमीटर: –
रिसीवर: –
स्पीकर:–
माइक्रोफोन: –
क्रिस्टल: –
बेस स्टेशन: –
आईकाम:–
रेडियो टेलिफोनिक प्रोसीजर के तहत ध्यान में रखने वाली बातें:–
RHYTHM–लय
SPEED–गति
VOLUME–आवाज:–
PITCH–स्वर/बातचीत का तरीका
सिंगल कॉल:–
मल्टीपल कॉल:–
नेट कॉल: –
Net कॉल विथ एक्सेप्शनल –
* सिग्नल सुरक्षा को कायम रखने के लिए जरूरी बातेंl:–
* रेडियो सेट पर बातचीत के दौरान: –
Over (ओवर)–
Out (आउट)–
Roger(रोजर)–
Say Again (से अगेन)–
I Say Again (आई से अगेन)–
सेंडर– मैं दोबारा बोल रहा हूंं
Wait (वेट)
रिसीवर कुछ समय के लिए रुके
Wait Out (वेट आउट)
रिसीवर अगले आदेश तक रुके l
Wilko (विल्को)
रिसीवर मैसेज को समझना और उसके मुताबिक आदेश पास करना l
* 6 C अच्छी लिखावट के लिए :–
संपूर्णता (Completeness) सभी जानकारी को दर्शाता है l सत्यता (Correctness) सही और छोटे शब्दों में जानकारी देंl विश्वसनीयता (Credibillity) सपोर्ट के तौर पर सही उदाहरण प्रस्तुत करें l
स्पष्टता (Clarity) उन शब्दों को नहीं लिखना है जो डबल मीनिंग या शक शुबा वाले हो l
संक्षिप्त (Consideration)–सामने वाले से प्रतिक्रिया की सोच रखना l
विचार (Consideration)–सामने वाले से प्रतिक्रिया की सोच रखना l
* प्रभावी संचार के लिए 6 ‘C के मतलब हैl
Courtesy नम्रता से बात करना l
Clarity साफ
Concise संच्छिपत्ता
Complete information संपूर्ण जानकारी
Correct information सही जानकारी l
Composed passage of information सभी जानकारी को स्वीकृति प्रदान करना l
* Frequency (आवृत्ति)
* HF (HIGH FREQUENCY)
*VHF very high frequency–
*UHF ultra high frequency–
* संचार के तत्व (Elements of communication):–
(I) संचारक (communication)
(I) संदेश (Massage)
संचार प्रक्रिया में विचारो व अनुभवो का संप्रेषण होता हैl विचार व अनुभव को ही संदेश कहते हैं l दूसरे शब्दों में प्रापक से संचारक जो कुछ कहना चाहता है वह संदेश हैl संदेश लिखित, मौखिक प्रतीकात्मक तथा शारीरिक हाव– भाव के रूप में होता है l
(ii) माध्यम (Channel)
संचार प्रक्रिया में माध्यम सेतू की तरह होता है, जो संचार और प्रापक को जोड़ने का कार्य करता है l संदेश किसी तरह के श्रोताओं तक, किस गति से तथा कितने समय में पहुंचाना है यह माध्यम पर निर्भर करता है l समाचार पत्र, टेलीविजन चैनल, रेडियो, वेब पोर्टल्स, ईमेल, फैक्स, टेलीप्रिंटर ,मोबाइल इत्यादि संचार के अत्याधुनिक माध्यम है l
(iii) प्रापक (Receiver)
प्रापक उस व्यक्ति को कहते हैं, जिसको ध्यान में रखकर संचारक अपने संदेश का निर्माण, उचित माध्यम का चुनाव और संप्रेषण करता है l प्रापक कोई एक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह हो सकता है l प्रापक को ग्रहणकर्ता, प्राप्तकर्ता, रिसीवर, डिकोडर इत्यादि नामों से जाना जाता हैl संचारक द्वारा संप्रेषित संदेश को प्रापक पढ़कर,सुनकर, देखकर ,ग्रहण करता है l
(iv) फीडबैक (Feedback)
संचारक से संदेश ग्रहण करने के उपरांत प्रापक उस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है, जिसे प्रति–उत्तर, प्रतिपुष्टि व फीडबैक कहा जाता है l बेहतर संचार के लिए बेहतर फीडबैक का होना आवश्यक हैl फीडबैक से ही पता चलता है कि संचारक के संदेश को प्रापक ने ग्रहण किया है या नहीं l
(V) शोर (Noise)
संचार प्रक्रिया में शोर एक प्रकार का अवरोध है, जो संप्रेषित संदेश के प्रभाव को कम करता है शोर को बाधा भी कहा जाता है l संचारक जिस रूप में संदेश को भेजता है उसी रूप में प्रापक तक शत-प्रतिशत पहुंच जाए तो माना जाता है कि संचार प्रक्रिया में कोई अवरोध नहीं है l लेकिन ऐसा काम ही होता है सभी संप्रेषित संदेश के साथ कोई ना कोई शोर आवश्य जुड़ जाता है, जो संचारक द्वारा भेजा गया नहीं होता है l उदाहरणार्थ, रेडियो या टेलीविजन पर आवाज के साथ सरसराहट का आना l मोबाइल पर वार्तालाप के दौरान आस–पास की ध्वनियों को जुड़ जाना इत्यादि l
टिप्पणियाँ
Industrial security pe kuch likhe