Communication (संचार)

उद्देश्य:– 

साफ कम्युनिकेशन कर सकें I

संचार किसे कहते हैं 

दो या दो से अधिक लोगों के बीच किसी संचार माध्यम से सूचनाओं के आदान-प्रदान को संचार कहते हैं I


* सिक्योरिटी में उपयोग होने वाले संचार उपकरणों के प्रकार लिखो:

टेलीफोन
मोबाइल
वाकी टॉकी
फैक्स मशीन
सार्वजनिक एड्रेस प्रणाली
Computer
GPS navigation device
वाकी टाकी संचार का एक उपकरण है जिसमें काल दोनों तरफ से मिलाई जा सकती है यह सामान्यता हाथ में रखने वाला उपकरण है और इसके निम्नलिखित भाग होते हैं


ट्रांसमीटर: –

आपकी आवाज को रेडियो तरंगों में बदल कर दूसरे बाकी ताकि पर भेजता है

रिसीवर: –

रेडियो ट्रांसमीटर से भेजी गई तरंगों को प्राप्त करता है

स्पीकर:–

रिसीवर के द्वारा प्राप्त ध्वनि व्यक्ति को सुनाता है I

माइक्रोफोन: –

माइक्रोफोन आपकी आवाज को रिसीव कर इसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदलता है

क्रिस्टल: –

इसे चैनल के नाम से जाना जाता है यह तरंग सेट करने की लिए इस्तेमाल किया जाता है

बेस स्टेशन: –

इस संचार उपकरण का उपयोग फिक्स पॉइंट पर जहां हमेशा सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है जैसे:– कंट्रोल रूम ,क्यूआरटी गाड़ी आदिI



आईकाम:–

इस संचार उपकरण का उपयोग एयरक्राफ्ट/हेलीकॉप्टर आदि को हेलीपैड पर उतरने से पहले पायलट से बातचीत कर क्लीयरेंस रिपोर्ट देता है I




रेडियो टेलिफोनिक प्रोसीजर के तहत ध्यान में रखने वाली बातें:–

RHYTHM–लय

मैसेज छोटे और साफ लफ्जो में हो
मैसेज का मतलब सही हो
मैसेज बोलने का तरीका ऐसा हो कि रिसीवर को साफ सुनाई दे

SPEED–गति

मैसेज सेंडर की बोलने की गति मध्यम हो l
काम जरूरी शब्दों को जल्दी नहीं बोलना है l
रिसीवर मैसेज लिख रहा हो तो सेंडर को लिखने का वक्त देना चाहिए l

VOLUME–आवाज:–

आम बातचीत से थोड़ा ऊंचा बोलो l
शब्दों को एक ही आवाज में बोलो और ध्यान रहे की आवाज अंत में कम ना हो l

PITCH–स्वर/बातचीत का तरीका

सामान्य की तुलना में आवाज /बातचीत को उच्च स्तर पर रखना चाहिए l

* कॉल्स के प्रकार लिखो:–
कॉल्स चार प्रकार के होते हैं

सिंगल कॉल:–

जब मैसेज सेंडर द्वारा एक स्टेशन को कॉल किया जाता हैl

मल्टीपल कॉल:–

जब मैसेज सेंटर द्वारा 2 या उससे अधिक ज्यादा लोगों को कॉल किया जाता है l

नेट कॉल: –

जब मैसेज सेंडर द्वारा सभी स्टेशन को कॉल किया जाता है l

Net कॉल विथ एक्सेप्शनल –

जब मैसेंजर सेंटर द्वारा 1/2 स्टेशन को छोड़कर बाकी स्टेशनों को कॉल किया जाता हैl

* सिग्नल सुरक्षा को कायम रखने के लिए जरूरी बातेंl:–

कम से कम बातचीत l
सही तरीकों का इस्तेमाल l
कोड साइन का इस्तेमाल l
डी–कोड का प्रयोगl
अगर जरूरत पड़े तो आवृत्ति को बदला जाएl

* रेडियो सेट पर बातचीत के दौरान: –

Over (ओवर)–

सेंडर मैसेज पूरा हुआ, आप जवाब 

Out (आउट)–

सेंडर मेरा मैसेज पूरा हुआ लेकिन आपसे  जवाब नहीं चाहिएl

Roger(रोजर)–

रिसीवर मैसेज मिल गया l

Say Again (से अगेन)–

रिसीवर–मैसेज दोबारा बताएं l

I Say Again (आई से अगेन)–

सेंडर– मैं दोबारा बोल रहा हूंं

Wait (वेट) 

रिसीवर कुछ समय के लिए रुके

Wait Out (वेट आउट)

रिसीवर अगले आदेश तक रुके l

Wilko (विल्को)

रिसीवर मैसेज को समझना और उसके मुताबिक आदेश पास करना l

* 6 C अच्छी लिखावट के लिए :–

संपूर्णता (Completeness) सभी जानकारी को दर्शाता है l सत्यता (Correctness) सही और छोटे शब्दों में जानकारी देंl विश्वसनीयता (Credibillity) सपोर्ट के तौर पर सही उदाहरण प्रस्तुत करें l 

स्पष्टता (Clarity) उन शब्दों को नहीं लिखना है जो डबल मीनिंग या शक शुबा वाले हो l

संक्षिप्त (Consideration)–सामने वाले से प्रतिक्रिया की सोच रखना l

विचार (Consideration)–सामने वाले से प्रतिक्रिया की सोच रखना l

* प्रभावी संचार के लिए 6 ‘C के मतलब हैl 

Courtesy नम्रता से बात करना l

Clarity साफ

Concise संच्छिपत्ता

Complete  information संपूर्ण जानकारी

Correct  information सही जानकारी l

Composed passage of information सभी जानकारी को स्वीकृति प्रदान करना l

* Frequency (आवृत्ति)

उच्च आवृत्ति (HF)और बहुत उच्च आवृत्ति (VHF) रेडियो तरंगे हैं l वे विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा है, और आमतौर पर शॉर्ट वेव रेडियो (एच एफ तरंगों के लिए) और frequency modulated (वी एच एफ तरंगों के लिए ) के रूप में जाना जाता है , जिसे "एफ .एफ" रेडियो भी कहा जाता हैl वाणिज्यिक (Commercial)रेडियो प्रसारण में दोनों रेडियो बैंड का उपयोग किया जाता है l

यू. एच. एफ. 300 मेगाहटज से 3000 MHz तक का एक बड़ा बैंड है, लेकिन इसमें विशिष्ट आवृत्तियो सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध है l

* HF (HIGH FREQUENCY) 

3 से 30 मेगा हार्टज –डेका मीटर वेब्स 


*VHF very high frequency–

30 से 300 मेगा हार्टज–विद्युत चुम्बकीय तरंगें रेडियो तरंगें VHF रेडियो तरंगें प्रसारण के लिए भी उपयोग की जाती हैं

*UHF ultra high frequency–

300 से 3000 मेगा हार्टज– माइक्रोवेव
मानक ध्वन्यात्मक वर्णमाला

A Alpha
B Bravo
C Charlie
D Delta
E Eco
F Foxtrot
G Golf ⛳
H hotel
I India
J Juliet
K kilo
L Lima
M Mike
N November
O Oscar
P papa
Q Quebec
R Romeo
S Sierra
T Tango
U uniform
V victor
W whiskey 
X  x–ray
Y Yankee
Z Zulu 

* संचार के तत्व (Elements of communication):–

संचार एक सतत प्रक्रिया है जिसमें निम्न 6 तत्व एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए आपस में क्रिया –प्रतिक्रिया करते हैं l

(I) संचारक (communication) 

संचार प्रक्रिया में संचारक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है यह प्रापक की समस्याओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप संदेश का निवारण करता है संचालक संदेश का स्रोत व निर्माता होता है दूसरे शब्दों में संचालक वह व्यक्ति होता है जो संचार प्रक्रिया की शुरुआत करता है इसे कम्युनिकेटर सैंडल स्रोत इत्यादि नामों से जाना जाता है l


(I) संदेश (Massage) 

संचार प्रक्रिया में विचारो व अनुभवो का संप्रेषण होता हैl  विचार व अनुभव को ही संदेश कहते हैं l दूसरे शब्दों में प्रापक से संचारक जो कुछ कहना चाहता है वह संदेश हैl संदेश लिखित, मौखिक प्रतीकात्मक तथा शारीरिक हाव– भाव  के रूप में होता है l

(ii) माध्यम (Channel)

 संचार प्रक्रिया में माध्यम सेतू की तरह होता है, जो संचार और प्रापक  को जोड़ने का कार्य करता है l संदेश किसी तरह के श्रोताओं तक, किस गति से तथा कितने समय में पहुंचाना है यह माध्यम पर निर्भर करता है l समाचार पत्र, टेलीविजन चैनल, रेडियो, वेब पोर्टल्स, ईमेल, फैक्स, टेलीप्रिंटर ,मोबाइल इत्यादि संचार के अत्याधुनिक माध्यम है l

(iii) प्रापक (Receiver) 

प्रापक उस व्यक्ति को कहते हैं, जिसको ध्यान में रखकर संचारक अपने संदेश का निर्माण, उचित माध्यम का चुनाव और संप्रेषण करता है l  प्रापक कोई एक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह हो सकता है l  प्रापक को ग्रहणकर्ता, प्राप्तकर्ता, रिसीवर, डिकोडर इत्यादि नामों से जाना जाता हैl संचारक द्वारा संप्रेषित संदेश को प्रापक पढ़कर,सुनकर, देखकर ,ग्रहण करता है l

(iv) फीडबैक (Feedback)

 संचारक से संदेश ग्रहण करने के उपरांत प्रापक उस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है, जिसे  प्रति–उत्तर, प्रतिपुष्टि व फीडबैक कहा जाता है l  बेहतर संचार के लिए बेहतर फीडबैक का होना आवश्यक हैl  फीडबैक से ही पता चलता है कि संचारक के संदेश को प्रापक ने ग्रहण किया है या नहीं l

(V) शोर (Noise)

 संचार प्रक्रिया में शोर एक प्रकार का अवरोध है, जो संप्रेषित संदेश के प्रभाव को कम करता है शोर को बाधा भी कहा जाता है l  संचारक जिस रूप में संदेश को भेजता है उसी रूप में प्रापक  तक शत-प्रतिशत पहुंच जाए तो माना जाता है कि संचार प्रक्रिया में कोई अवरोध नहीं है l लेकिन ऐसा काम ही होता है सभी संप्रेषित संदेश के साथ कोई ना कोई शोर आवश्य जुड़ जाता है, जो संचारक द्वारा भेजा गया नहीं होता है l  उदाहरणार्थ, रेडियो या टेलीविजन पर आवाज के साथ सरसराहट का आना l  मोबाइल पर वार्तालाप के दौरान आस–पास की ध्वनियों को जुड़ जाना इत्यादि l









टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Wow superb 🥰
Jo such h ने कहा…
Wow supar

Industrial security pe kuch likhe
Sachin Kumar Mishra ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…
Very important information Thankyou so and continue another information
Unknown ने कहा…
Very important information Thankyou so much and continue another information

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